[पेपर आई.डी. : 70209] राजस्थान की कोटपूतली तहसील में भूमि उपयोग की प्रवृतियाँ एवं परिर्वतन का भूगोलिक अध्ययनः लैंडसैट सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग और पीएम कुसुम योजना के प्रभाव

पेपर की जानकारी : प्रस्तुत करने की तिथि: Oct 21, 2025, पुनरीक्षण की तिथि: Nov 16, 2025, स्वीकार करने की तिथि: Nov 22, 2025, डी.ओ.आई. : https://doi.org/10.56815/ijmrr.v4i4.2025.11-21, कैसे उद्धृत करें: यादव,धर्मेंद्र & वार्ष्णेय,ऋचा (2025). राजस्थान की कोटपूतली तहसील में भूमि उपयोग की प्रवृतियाँ एवं परिर्वतन का भूगोलिक अध्ययनः लैंडसैट सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग और पीएम कुसुम योजना के प्रभाव. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च एंड रिव्यूज, 4 (4) 11-21

Authors

  • धर्मेंद्र यादव डॉक्टोरल रिसर्च स्कॉलर, लॉर्ड्स यूनिवर्सिटी, अलवर, राजस्थान-301028, भारत।
  • डॉ. ऋचा वार्ष्णेय प्रोफेसर और पर्यवेक्षक, भूगोल विभाग, लॉर्ड्स विश्वविद्यालय, अलवर, राजस्थान-301028, भारत

Abstract

यह शोध राजस्थान की कोटपूतली तहसील में भूमि उपयोग एवं भूमि आवरण (LULC) की प्रवृत्तियों तथा समयगत परिवर्तनों का भूगोलिक विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जिसमें लैंडसैट उपग्रह इमेजरी का समावेश किया गया है। अध्ययन के लिए 2020-2024 जैसी बहु-वर्षीय सैटेलाइट छवियों का उपयोग करते हुए NDVI, NDBI एवंNDWI जैसे स्पेक्ट्रल इंडाइसेज़ पर आधारित विशेषताओं का निर्माण किया गया है। पोस्ट-क्लासिफिकेशन तुलना तकनीक द्वारा कृषि, परती, बंजर, निर्मित क्षेत्र, जल निकाय और वनस्पति वर्गों में हुए प्रमुख परिवर्तन पहचाने गए।

अध्ययन में प्रधानमंत्री कुसुम (PM-KUSUM) योजना के तहत क्षेत्र में स्थापित सौर पंपों एवं सौर प्लांटों के स्थानिक वितरण का LULC परिवर्तन के साथ ओवरले विश्लेषण किया गया, जिससे कृषि भूमि के उपयोग, सिंचाई पैटर्न और भूमि-परिवर्तन की प्रकृति पर इसके प्रभावों का आकलन किया जा सका। परिणामों से पता चलता है कि क्षेत्र में शहरी विस्तार और कृषि-से-बंजर/निर्मित भूमि परिवर्तन में वृद्धि हो रही है, जबकि कुछ स्थानों पर PM-KUSUM के कारण परती भूमि का सौर ऊर्जा उत्पादन के रूप में उपयोग बढ़ा है।

Keywords:

भूमि उपयोग, पर्यावरणीय प्रभाव, कोटपूतली, औ‌द्योगीकरण, पारिस्थितिकी तंत्र।

Downloads